धुप में झुलसता हुआ वो बच्चा
जाने कितनी दूर चला
कई रास्ते तय किए उसने,
पर मंजिल उसे फिर भी न मिला
एक रोटी की तलाश थी शायद
मांगने पर बस फटकार मिली
कहीं से गाली तो,
कहीं पर मार मिली
कुछ "इण्डिया शाइनिंग" कह रहे थे
कुछ का हाथ गरीबों के साथ रहा था
पर कहाँ थे यह लोग उस वक़्त
जब भूक से वो बछा तड़प रहा था
जब आंसूं भी थक गए प्यास बुझाकर
वो रात सड़क के किनारे सो गया
सुबह अख़बार में ये खबर आई
शेहेर में एक लारिस लाश मिला
कुछ देर लोगों ने चर्चा की
फिर सबकुछ शांत हो गया
और यूँ लावारिश लाशों पे चलकर
भारत "सुपर पावर" बनगया !!!
Copyright (c) Ashit Ranjan Panigrahi 2012
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