Thursday, May 3, 2012

२०१२

कहते हैं के दुनियां बहत जल्द ख़त्म हो जाएगी

इंसानियत की हस्ती मिट जाएगी

क़यामत का दिन नजदीक है

एक सैलाब उठेगा

और समां जायेगा सब कुछ उसके अन्दर

ख़त्म हो जाएगी ये धरती,

यह नज़ारा यह दुनियां ,

सब कुछ ख़त्म होजाएगा



कोई मुझे यह तो बताए

ख़त्म होने के लिए

इस दुनियां में बचा ही क्या है

मैं तो रोज़ देखता हूँ चौराहे पे

इंसानियत को मरते हुए !!


Copyright (c) Ashit Ranjan Panigrahi 2011

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