Thursday, May 3, 2012

मैं अवाम हूँ

आज़ादी के मायने मुझे क्या पता

मैंने तो बस गुलामी देखि है

पहले वो हुकूमत करते थे

अब ये हुकूमत करते हैं

फर्क है तो बस रंग का

वो गोरे हुआ करते थे यह सांवले नज़र आते हैं !!



उनको मैं ने चुना नहीं था

यह तो मेरी मर्ज़ी से आए हैं

वो भी ज़ुल्म करते थे

यह भी ज़ुल्म करते हैं

फर्क है तो बस लहजे का

वो सामने से सामने वार करते थे

यह छुपके वार करते हैं !!



वो भी आए थे तिजोरी भरने

इनका भी इल्म येही है

वो भी मुझे लूटते थे

यह भी मुझे लूटते हैं

फर्क है तो बस नाम का

वरना वो भी लगान लेते थे

यह भी लगान लेते हैं !!



तब भी मरता था मैं

आज भी जल रहा हूँ

वो भी मुझे बांटते थे

यह भी मुझे बांटते हैं

फर्क है तो बस इतना सा

वो गैर हुआ करते थे

यह अपने हुआ करते हैं !!!!!!!!!!

Copyright (c) Ashit Ranjan Panigrahi

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