फिर से वही दास्तां - ए - यार आ गया
बेबाकी से ज़ुबां पे तेरा नाम आ गया
हुनर-वर ना इतने के हम सहलें
याद के साथ जो ये अजाब आ गया
बड़ा वीरान सा लग रहा है ये मकान हमें
लौट कर आए तो लगा किसीका मज़ार आ गया
बेबाकी से ज़ुबां पे तेरा नाम आ गया
हुनर-वर ना इतने के हम सहलें
याद के साथ जो ये अजाब आ गया
बड़ा वीरान सा लग रहा है ये मकान हमें
लौट कर आए तो लगा किसीका मज़ार आ गया
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